प्रस्तुत पुस्तक " अधूरा ख्वाब " में शादी के कुछ पहलुओं पर जोर दिया गया है । जैसा कि हम जानते हैं कि मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है ! जो पूरी जिंदगी अकेले गुजारने में सक्षम नही होता है। जिस तरह हमें जीने के लिए समाज की जरूरत होती है!
उसी तरह पूरी जिंदगी गुजारने के लिए एक जीवनसाथी की जरूरत पड़ती है, ताकि हम उसका साथ पाकर अपने जीवन में आने वाली हर बाधाओं और समस्याओं से पार पा सकें। बिना शादी के चाहें स्त्री हो या पुरुष दोनों एक दूसरे के मिलन के बिन अधूरे हैं ।
Adhoora Khwab: Arjun Ki Dukhad Dastan
Anurag Singh