कभी कभी बस ऐसा लगता है कि कितना कुछ पीछे छूट जाता है बस कुछ ऐसा पाने के सोच में जो आपका होगा भी या नहीं, पता नहीं । और ऐसी कई बातें जो हालातों के आगे चुप रहना सिखाती है, मौनता में और आवाज़ भर जाती है जो कोई नहीं सुन पाता पर अन्दर ही अन्दर हमे दुनिया से अलग और बहुत जुदा कर देता है जैसे जो भी कल था वह कभी था ही नहीं और जो हम चाहते हैं वह कभी होगा ही नहीं क्योंकि हम छूट गए या हमारे साथ का रिश्ता |
सपना की ज़िन्दगी के भी कुछ ऐसे पहलू है इस किताब में जिनसे आप ख़ुद भी जुड़ाव महसूस कर सकते हैं।
हम हर तरफ़ इतना व्यस्त हैं कि हम वक्त ही नहीं दे पाते करने के लिए ख़ुद के और अपने ज़िन्दगी से जुड़े कई 'खोज' | आइए साथ कुछ खोज करे इस कहानी के साथ, ख़ुद तक का सफ़र एक........!
खोज: एक कहानी कई पहलू (Khoj: Ek Kahani Kai Pehlu)
Joyous Jaya Rauniyar