इस वैश्विक मायाजाल की सबसे बड़ी जटिलता है अपने मन,
अपने चित्त को शांत करना... और अगर आप यह कर पाते हैं
तब कहीं जा कर अंतरमन की सरगम सुनाई देती है...
जो अंधरुनि भावों को शब्दों का सहारा देती है
और कुछ ऐसी लड़ियाँ पिरो कर सबके सामने लाती हैं
जो हमे आनंदित कर देती हैं।
कभी कविता तो कभी शायरी...
कभी गीत तो कभी ग़ज़ल...
वही है आपके शांत चित्त की सरगम
आपका "अनुराग"
अनुराग: शांत चित्त की सरगम
Dr. Anurag Dubey